Sunday, November 25, 2012

सबसे बड़ा अपराध, बलात्कार- Sandeep (Sani) Singh Chandel

लात्कार समाज का सबसे घृणित कर्म और एसी गंदगी है जिसे कोई भी समाज कितना भी पढ़ा लिखा क्यों न हो जाए उसकी वोद्धिक क्षमता पर प्रश्न चिन्ह ही लगाता है।सोचो कि वह बच्ची या स्त्री क्या कभी इस घटना के बाद मानसिक रुप से ठीक रह पायेगी जिस पर यह बीता हो चोरी डकैती या अन्य अपराधो को झेलने बाला व्यक्ति तो कुछ ही दिनों में सब भूल जाता है किन्तु स्त्री की यही कहानी है कि दुनिया को ममता देने बाली स्त्री वेटी या बहिन जब बलत्कार से शोषित हो जाती है तो उसे भी समाज से नजरे छुकानी पड़ती है जबकि उसमें उसका कोई दोष नही होता।किन्तु यह बेदर्द समाज उसके घावों पर मरहम न लगाकर उसके घावों पर नमक ही छिड़कता है और घाव को उसके लिए नासूर बना दिया जाता है।और हमारी न्याय व्यवस्था और भी महान है जो उसी से एसे एसे प्रश्न पूछकर उसे प्रताड़ित व दण्डित करती है कि न्याय मिलने के बाद अन्यायी को दण्ड मिलने से पहले ही पीड़ित दण्डित हो जाता है।और यह लगता है कि आप अगर बेसर्म हैं तो ही इन मामलों में न्याय की आशा करे अन्यथा अनेकों वालिकाए व स्त्रियाँ तो बेचारी एसी घटनाओ को छिपा ही जाती हैं जिससे अन्यायियों का मनोबल और बढ़ता जाता है।
              संदीप जी का लेख इसी विषय पर है और उन्हौने आजकल की उस सामाजिक समस्या पर कुठारा घात किया है जिससे हमारा समाज सर्वाधिक दुःखी है औऱ सबसे ज्यादा चिन्ता की बात यह है कि बैटियों के पिता ही सबसे ज्यादा बलात्कार जैसी घिनौनी व महापातक हरकत को करने में लगें है तो इसके लिए एसे लोगों की आज के कानून को देख कर हिम्मत होती है  जो कानून स्वयं अपनी ही रक्षा नही कर पा रहा वह किसी दुष्ट को क्या दण्ड देगा। भाइयो अभी आपने देखा कि सरकार ने कसाव को फांसी दी  कितना छिपकर जब सरकार उस काम को जो सरेआम करना चाहिये उसे ही छिपकर करने लगै तो आम जन के कानून पालन की आशा ही व्यर्थ है।हमारा संविधान अनेकों राष्ट्रो की झूठन से बना है.जो हमारे देश की प्रकृति से मेल नही खाता।हमारा संविधान हमारे स्वर्ण युग के संविधान से लेकर बनना चाहिये।
                                                             --ज्ञानेश कुमार वार्ष्णेय 
खेर संदीप जी के ब्लाग को पढ़े-सबसे बड़ा अपराध, बलात्कार

 

1 comment:

  1. www.guide2india.org अति उतम लेख महोदय मेरे ब्लॉग पर भी आप आयें

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