Thursday, November 29, 2012

ये तीन बाते,बनाऐं महान



इन तीनों से बचे रहो- काम,क्रोध व लोभ
सदा तीन परित्याग करो- झूठ,बेइमानी व द्वेष
इन तीनों पर अटल रहो- ईश्वर,विवेक व सदबुद्धि
तीन गुणों को धारण कर- शक्ति,धैर्य व गुण की खान
तीन अवगुणों को ना राखो- मोह,मद व दम्भ
भक्ति तीन इन्है पाओ- देश,गुरु व ईश्वर भक्ति
तीन प्रेम को धरिये साथ-देश,मात्र व ईश्वर प्रेम
सदा तीन को आदर दो- विद्या सज्जन व धर्म
सदा करो तीन की सेवा- अथिति,धर्म व परमेश्वर
सदा तीन होते हैं रोग- वात ,पित्त व कफ
तीन जगह ही है परमेश्वर – जल,थल व नभ
तीन वफा के हैं अधिकारी- देश,गुरु व अपना स्वामी
तीन दवाते हैं अशक्त को- राजा,पातक व रोग
सदा तीन तुम काम करो- परोपकार,आज्ञापालन व बड़ो की सेवा
तीन आदते करो समाप्त –गाली,क्रोध,व चुगली करना

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