श्रीनगर [जागरण ब्यूरो]। मुंबई हमले के दोषी अजमल कसाब के बाद संसद हमले के आरोपी अफजल गुरु को भी फांसी पर लटकाए जाने की आशंका के बीच वादी में न सिर्फ अलगाववादी खेमा बल्कि नेशनल कांफ्रेंस जैसे मुख्यधारा के राजनीतिक दल भी उसके बचाव में आकर आतंकी भाषा बोलने लग गए हैं। सत्ताधारी नेशनल कांफ्रेंस के महासचिव और मुख्यमंत्री के चाचा मुस्तफा कमाल तक ने गुरु को फांसी दिए जाने पर केंद्र को गंभीर परिणामों की चेतावनी दी है।
वहीं जेकेएलएफ के अध्यक्ष यासिन मलिक ने भी अफजल पर कोई 'गलत फैसला' लेने पर गंभीर परिणाम भुगतने की चेतावनी दी है।इन लोगों को आज भी भारत के लोग गुलाम ही दिखाई दे रहे हैं जब चाहैं जो कुछ कर दिया और उसके बाद फिर धमकी देने लगें अब सरकार कहाँ सो रही है।
गुरुवार शाम को एक टीवी चैनल से साक्षात्कार में कमाल ने कहा कि अफजल को सांप्रदायिकता के आधार पर फांसी की सजा हुई है। कोई गैर मुस्लिम उसकी जगह होता तो वह आज तक अदालत द्वारा आरोप मुक्त करार दिया गया होता। गुरु प्रत्यक्ष रूप से संसद हमले में शामिल नहीं था। हमने उसकी सजा माफी के लिए केंद्र से आग्रह किया है और कहा है कि अगर उसे फांसी हुई तो कश्मीर में फिर से आतंकी हिंसा शुरू हो जाएगी।
गौरतलब है कि कमाल इससे पहले भी विवादास्पद बयान देकर सुर्खियों में आ चुके हैं। उन्होंने हाल ही में कहा था कि पाकिस्तान नहीं बल्कि भारत कश्मीरियों का दुश्मन है।कांग्रेस की सरकार जो कि पहले से ही निकम्मी सरकारों की गिनती में आ चुकी है वो इस आतंक बादी को क्यों बंदी बनाने की पहल करे।
No comments:
Post a Comment