आजादी के पहले या कहैं कि अग्रेंजों के आगमन के बाद से ही भारत पर ईसाई धर्मप्रचारकों की कुटिल निगाह लगी हूयी है वास्तव में इनका उद्देश्य लोगों की सेवा करना न होकर भारत को किसी भी प्रकार ईसाई राष्ट्र बनाना है।जिससे यूरोप बासियों का भारत हमेशा गुलाम बना रहै सभी जानते हैं कि जैसे ही कोई व्यक्ति ईसाई धर्म या इस्लाम धर्म ग्रहण करता है तुरंत ही उसकी आस्था ईटली,रोम या यूरोप के राष्ट्रों की तरफ हो जाती है।या अगर इस्लाम ग्रहण करता है तो उसकी आस्था अरव देश के पक्ष में हो जाती है।यह बात अब लगभग भारत के ईसाई बने लोगों को समझ आने लगी है भारत की जड़ो को खोखला करने का प्रयास करने बाले अनेको ईसाई राजनेता भारत के शिखर नेतृत्व में विराजमान है जो लगातार भारतीय आस्थाओं पर प्रहार करके अपने आपको महिमामंडित कर रहै है यह कहना भी अतिश्योक्ति नही होगी कि भारत की एक राजनेता जिन्है भारत का बच्चा बच्चा सोनिया गांधी के नाम से जानता है उन्होने तो भारत के प्रधानमंत्री से भी ज्यादा प्रभाव बनाया हुआ है जिसके कारण भारत नामक धर्मनिरपेक्ष कहै जाने बाले राष्ट्र की मुद्रा पर ईसाई चिन्ह क्रास तक बन गया और तो औऱ भारत के वास्तविक नागरिक को दोयम दर्जे का बनाने का एक प्रयास लक्ष्यित हिंसा विधेयक बनाकर करने का किया गया किन्तु वो तो इन बाकी नेताऔ को अक्ल आ गयी नही तो हिन्दु का सत्यानाश करने का ही यह प्रयास था।
आगरा।क्रिसमस पर कोठी मीना बाजार में सोमबार को उन पाँच हजार हिन्दुओं ने दोबारा हिन्दु धर्म अपना लिया जिन्हौने पहले हिन्दु धर्म छोड़कर ईसाइयत अपना ली थी लैकिन कुछ ही दिनों में मोह भंग हो गया और अपने पुराने घर बापस आने को वेकरार होने लगे ।कारण रहा इसाईयत की अमानवीयता जिसमें औरत को केवल भोग की बस्तु मानकर उस पर तमाम प्रकार के अत्याचार किये जाते हैं।जिससे मानवता भी शर्मशार हो जाती है।सैकड़ो की मात्रा में नन बनाकर उनका यौन शोषण किया जाता है।
25दिसम्वर की सुबह से ही एसे लोगों का कोठी मीनाबाजार पहुँचना शु्रू हो गया था धर्मजागरण समिति,ब्रजप्रान्त द्वारा आयोजित किये गये वाल्मीकि सम्मेलन में यज्ञ की वेदी को साक्षी मानकर इन लोगों ने शपथ भी ली कि अब कभी अपने पावन हिन्दु धर्म को छोड़कर कभी किसी दूसरे धर्म को ग्रहण नही करेंगें।कार्यक्रम में धर्म जागरण समिति के अखिल भारतीय सह प्रमुख राजेन्द्र प्रसाद जी ने लोगों को संबोधित करते हुये बताया कि देश में जहाँ जहाँ हिन्दुओं की संख्या कम होती जा रही है वह हिस्सा देश से कटने के कगार पर पहुँच चुका है।इसलिये हमे गंभीरता से विचार करते हुय़े हिन्दुओं की संख्या विस्तार के बारे में सोचना होगा।कई प्रदेशों में हिन्दु अल्पमत में आ चुका है। धर्म जागरण समन्वय विभाग के क्षेत्र प्रमुख राजेश्वर सिंह ने बताया कि इस साल आगरा, अलीगढ़ और बरेली के उन बारह हजार से अधिक हिन्दुओ की घर बापसी हुयी है जिन्हौने पहले किसी कारण से हिन्दु धर्म छोड़ कर ईसाइयत को अपना लिया था।

आगरा।क्रिसमस पर कोठी मीना बाजार में सोमबार को उन पाँच हजार हिन्दुओं ने दोबारा हिन्दु धर्म अपना लिया जिन्हौने पहले हिन्दु धर्म छोड़कर ईसाइयत अपना ली थी लैकिन कुछ ही दिनों में मोह भंग हो गया और अपने पुराने घर बापस आने को वेकरार होने लगे ।कारण रहा इसाईयत की अमानवीयता जिसमें औरत को केवल भोग की बस्तु मानकर उस पर तमाम प्रकार के अत्याचार किये जाते हैं।जिससे मानवता भी शर्मशार हो जाती है।सैकड़ो की मात्रा में नन बनाकर उनका यौन शोषण किया जाता है।
25दिसम्वर की सुबह से ही एसे लोगों का कोठी मीनाबाजार पहुँचना शु्रू हो गया था धर्मजागरण समिति,ब्रजप्रान्त द्वारा आयोजित किये गये वाल्मीकि सम्मेलन में यज्ञ की वेदी को साक्षी मानकर इन लोगों ने शपथ भी ली कि अब कभी अपने पावन हिन्दु धर्म को छोड़कर कभी किसी दूसरे धर्म को ग्रहण नही करेंगें।कार्यक्रम में धर्म जागरण समिति के अखिल भारतीय सह प्रमुख राजेन्द्र प्रसाद जी ने लोगों को संबोधित करते हुये बताया कि देश में जहाँ जहाँ हिन्दुओं की संख्या कम होती जा रही है वह हिस्सा देश से कटने के कगार पर पहुँच चुका है।इसलिये हमे गंभीरता से विचार करते हुय़े हिन्दुओं की संख्या विस्तार के बारे में सोचना होगा।कई प्रदेशों में हिन्दु अल्पमत में आ चुका है। धर्म जागरण समन्वय विभाग के क्षेत्र प्रमुख राजेश्वर सिंह ने बताया कि इस साल आगरा, अलीगढ़ और बरेली के उन बारह हजार से अधिक हिन्दुओ की घर बापसी हुयी है जिन्हौने पहले किसी कारण से हिन्दु धर्म छोड़ कर ईसाइयत को अपना लिया था।
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